Loading

Loading

Positive Thoughts

  1. “श्री कृष्ण कहते हैं कि” … जो मुझे प्रेम कर मुझमें दृढ़ विश्वास रखते हैं उनके समस्त कार्यकलापों का नियंत्रण व संचालक मैं स्वयं करता हूँ ।.
  2. अगर जो चाहा है वो नहीं मिला, तो एक बार जो मिला है, उसे चाहकर देखो। 覆 जय श्री कृष्ण 覆
  3. अधिक पूजा पाठ करना दुखों का निमंत्रण होता है, क्योंकि प्रारब्ध के पाप तेजी से जीवन में आने लग जाते हैं,l और सारे पाप भस्म होते चले जाते हैंl उसे समय तो लगता है कि भगवान उनके साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं पर यकीन मानिए आने वाला समय अद्भुत होगा l मन करे तो जय जय श्री राधे श्याम लिखना l杖
  4. क्षुध् र्तृट् आशाः कुटुम्बन्य मयिजीवति न अन्यगाः।तासां आशा महासाध्वी कदाचित् मां न मुञ्चत।।भावार्थ – भूख, प्यास और आशा मनुष्य की पत्नियाँ हैं जो जीवन पर्यन्त मनुष्य का साथ निभाती हैं। इन तीनों में आशा महा साध्वी है क्योंकि वह क्षण भर भी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ती, जबकि भूख और प्यास कुछ कुछ समय के लिए मनुष्य का साथ छोड़ देते हैं
  5. सिर्फ़ पढ़ाई ही आपको सफल नहीं बना सकती, लगन, मेहनत और सही दिशा में चलने की क्षमता भी जरूरी है…!
  6. जिंदा रहने के लिए भोजन जरुरी है। भोजन से भी ज्यादा पानी जरुरी है, पानी से भी ज्यादा वायु जरूरी है और वायु से भी ज्यादा आयु जरूरी है, मगर मरने के लिए कुछ भी जरुरी नहीं है। आदमी यूं ही बैठे-बैठे मर सकता है। आदमी केवल दिमाग की नस फटने और दिल की धड़कन रुकने से नहीं मरता, बल्कि उस दिन भी मर जाता है जिस दिन उस की उम्मीदें और सपने मर जाते हैं; उसका विश्वास मर जाता है इस तरह आदमी मरने से पहले भी मर जाता है; और फिर मरा हुआ आदमी दोबारा थोड़ी ना मरता है”
  7. कभी जब तुम्हे कोई रास्ता दिखाई न दे और हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आए उस समय. एक बार ध्यान से देखना अपने श्री कृष्णा की तस्वीर की तरफ वो तुम्हे मुस्कुराते हुए दिखाई देगें और दिल से आवाज आएगी, क्यो घबरा रहे हो पागल तेरी परीक्षा जब में खुद ले रहा हूं किसी की क्या मजाल जो मेरे भक्त को परेशान कर सकें.!! खुश रहो मैं तुम्हारे साथ हुँ !!
  8. जिंदगी में अगर समय और पैसा इन दोनों में से कोई एक चुनना हो तो हमेशा समय को चुनिए क्योंकि समय से ज्यादा मूल्यवान कोई नहीं।
  9. “इस मतलबी दुनिया को ध्यान से नहीं, धन से मतलब है। भजन से नहीं, भोजन से व सत्संग से नहीं, राग-रंग से मतलब है। सभी पूछते हैं कि घर, परिवार व व्यापार कितना है। कोई नहीं पूछता कि भगवान से कितना प्यार है”
  10. राम शब्द के उच्चारण मात्र से हमारे अन्दर के सभी कुविचार बाहर हो जाते हैं | राम शब्द के  रा का उच्चारण करते ही  कुविचार बाहर निकल जाते है क्योकि मूह खूल जाता है और म का उच्चारण करते ही अंदर नही आ पाता क्योकि मूह बंद हो जाता है |ऐसा दूर्लभ संयोग और किसी नाम के लेने से नही हो पाता | सियापति राम की जय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *