1. I am the sweet fragrance in the earth. I am the heat in the fire, the life in all living beings, and the austerity in the ascetics.
मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ. मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ.
2. पिता नीम के पेड़ जैसा होता है,
जिसके पत्ते भले ही कड़वे हो,
पर छांव हमेशा ठंडी देता हैं।
3. दुःख इंसान का सबसे सच्चा मित्र है,
जब तक साथ रहता है बहुत सबक
सिखाता है और जब छोड़कर जाता है
तो सुख अवश्य देकर जाता हैं।
4. जिस प्रकार जल मछली को, धन लोभी मनुष्य को तथा पुत्र अपने माता को प्यारा होता है,
उसी प्रकार भक्त को प्रभु की भक्ति प्यारी होती है।
5. कामि, क्रोधि और लोभी से भक्ति संभव नहिं है।
कोई सूरमा ही वीर होता है जो जाति ,कुल और वर्ण के घमंड को त्यागकर प्रभु की भक्ति कर सकता है।
6. संवेदना के स्पर्शिय एहसास हम सबके पास यह आदमी को आदमी बनाने के लिए काफी है यह इन्सानियत की प्रथम सोपान है जरूरत मंद की जरूरत समझना
7. न प्राचीन संस्कृति बची है न आधुनिकता पूरी तरह आई ,आज हम न पूरब के हैं न पश्चिम के । एक अजीबो-गरीब संस्कृति ही हम सबको भायी ।
8. परिवार में कानुन कायदा नहीं,व्यवस्था हो
भय नहीं भरोसा हो शोषण नहीं,पोषण हो,आग्रह नही आदर हो,अर्पण नही समर्पण हो
9. हिम्मत ना हारो,प्रभुप्रेम न विसारो।हँसो मुस्कुराओ और जिंदगी गुजारो,केशव सकरात्मक विचार से हो संकट का खात्मा कहो तेरा शुक्र परमात्मा
10. “अस्थियाँ” बिखरने से पहले जीवन में “आस्था” पैदा हो जाये….
और “चिता” जलने से पहले इंसान की “चेतना” जाग जाये तो जीवन सार्थक हो जायेगा…
11. कामयाबी की सीढ़ी खुद चढ़ना सीखो, दूसरों के सहारे चढ़ोगे तो एक दिन गिर ही जाओगे…!
12. अगर जिंदगी में कुछ बुरा हो तो सब्र
रखना क्योकि रोने के बाद हंसने का मज़ा
ही कुछ और आता है
13. भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं.
14. कहीं मिलेगी प्रशंसा…तो,
कहीं नाराज़गियों का बहाव मिलेगा… कहीं मिलेगा आशीर्वाद…तो कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा…तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे, “जैसा तेरा भाव “ वैसा ‘प्रभाव’मिलेगा…
15. तीर्थ करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ आपका अपना मन है, जिसे विशेष रूप से शुद्ध किया गया हो।
16. मुस्कुराओ तब भी जब ज़िंदगी उदास होने का मौका दे, ज़िंदगी को भी मालूम हो, हम सिर्फ़ थके है हारें नहीं हैं…!
17. आज मुश्किल है कल थोड़ा बेहतर होगा, बस उम्मीद मत छोड़ना, भविष्य जरूर बेहतरीन होगा…!
18. सत्कर्म कर्म के द्वारा, तुम्हे सच्चा गुरु मिलेगा, और उसके बाद प्रिय भगवान मिलेंगे, उनकी मधुर इच्छा से, तुम्हे उनकी दया का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
19. दुनिया के तो हज़ार मुंह है,
सबकी सुनते रहोगे तो
पीछे रह जाओगे…
20. बारिश के दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते हैं, लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उड़कर बारिश को ही Avoid कर देता है, इन पंक्तियों से हमें ये सीख मिलती है कि समस्या common है, लेकिन आपका नजरिया इनमें Difference पैदा करता है…!
21. ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हम हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है…!
22. सच्चे गुरु की सेवा करते हए स्थायी शांति प्राप्त होगी, जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे.
23. अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.
24. प्रेम सदा माफ़ी माँगना पसंद करता है, और अहंकार सदा माफ़ी सुनना पसंद करता है..!
25. जो उद्यमशील हैं, वे गरीब नहीं हो सकते।
जो हरदम भगवानको याद करते है, उन्हें पाप नहीं छू सकता।
26. “दूसरों की अच्छाइयों की प्रशंसा एवं उनका समर्थन करना ही प्रेम कहलाता है…!!!”
27. वक़्त पर वो काम पूरा कीजिये
जो करना जरूरी है,
वक़्त पैसे से भी ज्यादा कीमती है।
28. हमेशा ऐसे लोगों के साथ रहो जो
तुम्हारा LEVEL बढ़ाने में
मदत करते है
29. जो लोग भगवान के नाम पर ध्यान करते हैं, वे सभी शांति और सुख प्राप्त करते हैं.
30. आप जो सोचते हैं वो आपके Action में भी दिखना चाहिए, क्योंकि जब आपके Thoughts और Actions आपस में मिलते हैं तभी आप Success हो पाएंगे…!
31. मैने रोते हुए मालिक से कहा सबने मेरा हाथ छोड़ दिया है वो मुस्कराते हुए बोले इस लिए क्योंकि तेरा हाथ मैने पकड़ लिया है जय हो मेरे कान्हा की जय श्री राधे राधे