एक प्रसिद्ध राजा था जिसका नाम रामधन था. अपने नाम की ही तरह प्रजा सेवा ही उनका धर्म था. उनकी प्रजा भी उन्हें राजा राम की तरह ही पूजती थी.
Category: पौराणिक कथाएं
भीष्म प्रतिज्ञा
एक बार हस्तिनापुर के महाराज प्रतीप गंगा के किनारे तपस्या कर रहे थे। उनके रूप-सौन्दर्य से मोहित हो कर देवी गंगा उनकी दाहिनी जाँघ पर आकर बैठ गईं। महाराज यह
धनुर्धर अर्जुन, अर्जुन के अपार पराक्रम का परिचय
अर्जुन कुंती का सबसे छोटा पुत्र था| इसके पिता का नाम पाण्डु था, लेकिन वास्तविक पिता तो इसका इंद्र था| पाण्डु रोगग्रस्त था और पुत्र पैदा करने की उसमें सामर्थ्य